ये जो मेरे गालों का रंग गुलाबी हुआ,
ये जो मेरी आँखों का रंग शराबी हुआ,
ये जो मेरी चाल बदली सी है,
ये जो मेरे हाल में बेसुधी सी है,
कारण मुझसे क्या पूछ्ते हो मेरे साँवरे,
जब कि तुम भी जानते हो,
वो तुम ही हो,
जिसके लिये हम हुए हैं बावरे।
पुरानी यादे
7 years ago
सुन्दर रचना, बधाई स्वीकारें।
ReplyDeleteकौन हो सकता है चर्चित ब्लॉगर?
पत्नियों को मिले नार्को टेस्ट का अधिकार?
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ReplyDeleteबहुत सुंदर।
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क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।
इस शमा को जलाए रखें।
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पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।
विजय जी, इस शमा को जलाए रखें, परवाने लौट कर जा रहे हैं खाली हाथ।
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ये साहस के पुतले ब्लॉगर।
व्यायाम द्वारा बढ़ाएँ शारीरिक क्षमता।