क्या ज़ायज है,
नियम के दायरे में खेलना,
या हर हाल में विजेता होना,
यकीनन दोनो ही,
तुम्हारा नियम के दायरे में खेलना,
मेरा हर हाल में विजेता होना।
Tuesday, September 15, 2009
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संत कबीर के शब्दों में : यह संसार काग़द की पुडिया बूंद पड़े गल जाना है
wah!
ReplyDeletekya baat hai !!
ReplyDeleteउत्तम, मौलिक और यथार्थ
ReplyDeleteअभिव्यक्ति में साफ़गोई क़ाबिले तारीफ़ है
वर्ड-वेरीफ़िकेशन हटा दें तो टिप्पणी देने में आसानी रहेगी
वाह...आज के नग्न यथार्थ की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
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