Tuesday, September 15, 2009

आधुनिक नैतिकता

क्या ज़ायज है,
नियम के दायरे में खेलना,
या हर हाल में विजेता होना,
यकीनन दोनो ही,
तुम्हारा नियम के दायरे में खेलना,
मेरा हर हाल में विजेता होना।

4 comments:

  1. उत्तम, मौलिक और यथार्थ
    अभिव्यक्ति में साफ़गोई क़ाबिले तारीफ़ है
    वर्ड-वेरीफ़िकेशन हटा दें तो टिप्पणी देने में आसानी रहेगी

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  2. वाह...आज के नग्न यथार्थ की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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